Saturday, June 30, 2007

एहसास

एहसास
अभी अभी कुछ देर पहले मुझे ऐसा एहसास हुआ है।
की यही उनकी आँचल कि खुशबू है ......
जिसके साये में मुझे उमर भर रहना है।
की यही उनकी कदमो कि आहट है .....
जिसके साथ साथ मुझे उमर भर चलना हैं।
इस समय मेरे कमरे मैं खामोशी है...
लकिन अभी अभी कुछ देर पहले मुझे ऐसा एहसास हुआ है ।
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उनकी वो मासूमियत भरी बातें....
मैं कई सदियों तक सुन सकता हूँ ।
उनकी वो बहुत खूबसूरत सी आँखें...
जिनको मैं आपना ताजमहल कह सकता हूँ।
आज ज़िंदगी तो हाथो से छुआ है मैं...
जबसे उनके हाथो को अपने हाथो मैं लिया है मैंने।
इस वक़्त मेरे दोनो हाथ खाली हैं॥
लकिन अभी अभी कुछ देर पहले मुझे ऐसा एहसास हुआ है।
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Raman kr.

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